फ़िलस्तीन मदद के नाम पर जबरन वसूली का मामला: पीड़ित ने ही एफआईआर को बताया फर्जी, पुलिस पर गंभीर आरोप

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🖋 संवाददाता: अमीन अहमद की रिपोर्ट
📍शेरकोट, जनपद बिजनौर | 18 जून 2025
फ़िलस्तीन मदद के नाम पर जबरन वसूली का मामला: पीड़ित ने ही एफआईआर को बताया फर्जी, पुलिस पर गंभीर आरोप

शेरकोट। फ़िलस्तीन देश की मदद के नाम पर कथित जबरन चंदा वसूली के मामले में नया मोड़ तब आ गया जब वादी युवक इरशाद ने सामने आकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मुक़दमे को पूरी तरह फर्जी बताया है।
गौरतलब है कि मोहल्ला शेखान निवासी इरशाद पुत्र अब्दुल रशीद की ओर से 15 जून को दर्ज तहरीर के आधार पर देबबंद, जिला सहारनपुर निवासी और वर्तमान में मोहल्ला कायस्थान, शेरकोट में रह रहे शहर इमाम ज़की एजाज़ ख़ान व उनके दो अन्य साथियों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फ़िलस्तीन के लिए पैसे भेजने के नाम पर नगर की जनता से ज़बरन चंदा वसूला और विरोध करने वालों के खिलाफ फतवा जारी करने की धमकी दी।
हालांकि, 17 जून को इरशाद द्वारा जारी एक हलफनामे और वीडियो बयान में इस मुकदमे को ही नकारते हुए, खुद पर जबरन हस्ताक्षर करवाने और झूठे मुक़दमे में फँसाने के आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस पर दबाव बनाकर साक्ष्य गढ़ने का आरोप
इरशाद ने पुलिस अधीक्षक बिजनौर को सौंपे गए हलफनामे में बताया कि वह एक होटल संचालक है और अक्सर पुलिसकर्मी उसके होटल पर चाय पीने आते रहते हैं। 15 जून को शाम 6 बजे के करीब उसके मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई जिसमें खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उसे बस स्टैंड स्थित पुलिस चौकी बुलाया गया। वहां से उसे सीधे थाना ले जाकर एक कागज पर उसका व उसके पिता का नाम लिखवाया गया और फिर एक टाइप किए हुए कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया।
जब इरशाद ने दस्तावेज़ के बारे में पूछताछ की तो पुलिसकर्मियों ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि यह किसी अन्य व्यक्ति के मामले में गवाह बनाने भर के लिए है। बाद में उसे ज्ञात हुआ कि उसी कागज के आधार पर शहर इमाम ज़की एजाज़ ख़ान पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शहर इमाम से कोई संपर्क नहीं: इरशाद का दावा
इरशाद ने स्पष्ट कहा कि उसकी अब तक शहर इमाम ज़की एजाज़ ख़ान से कभी कोई मुलाकात तक नहीं हुई है। वह इस मुकदमे में खुद को पूरी तरह से अनजान और फर्जी तरीके से फंसाया गया महसूस कर रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
इरशाद द्वारा सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में उसने नगरवासियों से अपील करते हुए कहा कि उसे नाहक फँसाया गया है और सभी लोग उसके साथ खड़े हों। वीडियो में उसने पुलिस प्रशासन पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए सच्चाई सामने लाने की गुहार लगाई है।
निष्पक्ष जांच की माँग
अब यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है। यदि इरशाद के आरोपों में सच्चाई है, तो यह गंभीर प्रशासनिक लापरवाही व गलत कानूनी प्रक्रिया का मामला बन सकता है।
मामले की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल नगर में इस प्रकरण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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