स्टोन क्रेशर और ओवर लोड डम्परों के खिलाफ छात्र संघ उतरेगा सड़कों पर

लालकुआं / उत्तराखंड,,,,
देवरामपुर से लेकर बबूर गुमटी व शिव मंदिर से हिरण बाबा मंदिर मार्ग तक चल रहे स्टोन क्रेशरों के भारी वाहनों ने स्थानीय निवासियों और विद्यार्थियों का जनजीवन दूभर कर दिया है। लगातार ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कें टूट चुकी हैं, मार्ग पर हर समय धूल का गुबार छाया रहता है, जिससे स्कूली बच्चों, कॉलेज के छात्रों और राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि महाविद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राएं अब मास्क और रुमाल से मुंह ढँककर घर से निकलने को मजबूर हैं व इन बड़े वाहनों के कारण लगातार दुर्घटनाएं भी हो रही है वह छात्र-छात्राओं को एक्सीडेंट्स का सामना करना पड़ रहा है।
छात्र छात्राओं ने छात्र नेता समित सिंह कार्की व कोषाध्यक्ष कमल पांडे के नेतृत्व में सीओ दीपशिखा अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह सड़क दौलिया कन्या इंटर कॉलेज, दर्जनों आंगनवाड़ियों, विभिन्न विद्यालयों और लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज का मुख्य संपर्क मार्ग है, जिस पर रोजाना हजारों छात्र-छात्राएं, शिक्षक और ग्रामीण आवाजाही करते हैं। सड़क की वास्तविक चौड़ाई अब केवल 7–8 फुट रह गई है, जगह-जगह गहरे गड्ढे, कटाव और धंसान हो चुके हैं। साथ ही जल जीवन मिशन (JJM) की पाइपलाइन खुदाई के बाद सड़क की सही पुनर्स्थापना नहीं की गई, जिससे बारिश में सड़क तालाब बन जाती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
छात्रों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के कुछ स्टोन क्रशरों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा ओवरलोड 10-टायर और डम्पर ट्रक अवैध रूप से इसी ग्रामीण सड़क से चलाए जा रहे हैं, जबकि यह सड़क ग्रामीण श्रेणी (low-load design) की है और इस पर भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति नहीं है। यह न केवल Motor Vehicles Act, 1988 की धारा 113, 114, 194 का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC-37, IRC SP-72) के मानकों के भी विपरीत है।
छात्र संघ कोषाध्यक्ष कमल चंद्र पांडे(तूफान) ने छात्रों के साथ आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन अब भी नहीं चेता तो आने वाले समय में गाँव की सड़कें जाम कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
छात्र संघ उपाध्यक्ष संजना पांडे ने कहा कि यह मामला अब केवल पर्यावरण या सड़क क्षति का नहीं रहा, बल्कि छात्रों के स्वास्थ्य और शिक्षा के अधिकार से जुड़ा गंभीर मानवीय,ट्रैफिक व जान का प्रश्न बन चुका है। उन्होंने कहा कि विद्यालय व महाविद्यालय के समय के दौरान इन भारी वाहनों का आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए, अन्यथा छात्र संघ गाँव-गाँव में जन आंदोलन शुरू करेगा।
छात्र नेता समित कार्की ने साफ चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की और ओवरलोड वाहनों तथा स्टोन क्रेशर संचालकों पर सख्त रोक नहीं लगाई, तो आने वाले दिनों में लालकुआं से लेकर देवरामपुर तक उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार आंदोलन सिर्फ विरोध का नहीं बल्कि “छात्रों के भविष्य की रक्षा का संकल्प” होगा।
छात्र महासंघ उपाध्यक्ष सचिन फुलारा ने बताया कि धूल और प्रदूषण के कारण कई छात्र अस्थमा, खाँसी और आँखों में जलन की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। कई बार छात्र स्कूल समय में गिर भी चुके हैं क्योंकि सड़कें गड्ढों और धूल के कारण फिसलन भरी हो गई हैं। अभिभावक भी अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
छात्रसंघ उपाध्यक्ष संजना पांडे का कहना है कि स्टोन क्रेशरों से निकलने वाले ट्रक और डंपर न केवल ओवरलोड होकर चलते हैं, बल्कि निर्धारित मार्ग और समय की भी खुलकर अनदेखी करते हैं। ट्रक चालक बेतरतीब तरीके से सड़क पर दौड़ते हैं जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। कई बार छात्र छात्राओं ने इसकी शिकायत की, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ज्ञापन देने वालो में छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक,छात्रमहासंघ उपाध्यक्ष सचिन फ़ुलारा,छात्रसंघ कोषाध्यक्ष कमल पांडे,छात्रसंघ उपाध्यक्ष संजना पांडे,छात्र नेता समित सिंह कार्की,दीपेश जीना आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।





