असम/गुवाहाटी

भारत-भूटान के बीच ऐतिहासिक विकास

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भारत और भूटान के बीच आज एक ऐतिहासिक विकास हुआ। असम के दर्रंगा में भूटान सीमा पर एक ‘इमिग्रेशन चेक पोस्ट’ का उद्घाटन किया गया। इस चेक पोस्ट का उद्घाटन भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, असम के राज्यपाल आचार्य लक्ष्मण प्रसाद, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार और विदेश राज्य मंत्री पवित्रा मार्गरीटा के द्वारा किया गया। इस चेक पोस्ट से दोनों देशों के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी और भारत के लिए लॉजिस्टिक लागत में महत्वपूर्ण कमी आने की उम्मीद है।

दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की आशा है, जिससे व्यापार, वाणिज्य और सेवा गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्घाटन समारोह में मंत्री बंदी संजय ने कहा कि यह चेक पोस्ट भारत-भूटान संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाने के साथ-साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों में नई विश्वसनीयता जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि भारत-भूटान संबंध आपसी सम्मान, सांस्कृतिक भाईचारे और गहरे विश्वास पर आधारित हैं। दोनों देशों की साझेदारी उनकी मित्रता, सहयोग और सामाजिक सामंजस्य का प्रमाण है। यह सहयोग जल संसाधन, बिजली उत्पादन, सूचना, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, कृषि, अंतरिक्ष अनुसंधान और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विस्तारित है। उन्होंने कहा कि यह चेक पोस्ट परिवहन और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देकर भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गृह मंत्रालय के अधीन भूमि पत्तन प्राधिकरण (एलपीएआई) ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सीमाओं पर आधुनिक बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया है, जिससे यात्रियों और व्यापारियों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और कुशल यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार, दर्रंगा इमिग्रेशन चेक पोस्ट से पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक सहयोग और सामाजिक संबंधों में नए अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो आवश्यक डिजिटल माध्यमों के उपयोग से संभव होगा।

गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के अधीन एलपीएआई ने सीमा व्यापार में परिवर्तनकारी बदलाव लाने और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उन्नत संसाधनों का उपयोग किया है। भूमि पत्तन प्रबंधन प्रणाली (एलपीएमएस) के माध्यम से, एलपीएआई ने भूमि पत्तन संचालन को डिजिटाइज किया है, जिसमें ऑनलाइन पार्किंग आरक्षण, स्वचालित भंडारण और सरलित अनुमति नियंत्रण शामिल हैं। इस पहल से न केवल संचालन क्षमता में सुधार होगा, बल्कि सामान और यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

भूमि पत्तनों का विस्तार केवल सड़क संपर्क तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का समर्थन करना है, जिसमें सड़कों के साथ रेलवे और अंतरराज्यीय जलमार्गों को जोड़ना शामिल है, जिससे पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक क्षमताओं को और भी बढ़ावा मिल सके। बंदी संजय ने बताया कि भूमि, रेल और जलमार्गों के एकीकरण के माध्यम से सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध प्रवाह का समर्थन करने के विजन के साथ, यह विकास लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आज का यह उद्घाटन 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के सरकारी लक्ष्य को मजबूत करता है।
असम के दर्रंगा में भूटान सीमा पर एक ‘इमिग्रेशन चेक पोस्ट’ का उद्घाटन किया गया। इस चेक पोस्ट का उद्घाटन भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, असम के राज्यपाल आचार्य लक्ष्मण प्रसाद, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार और विदेश राज्य मंत्री पवित्रा मार्गरीटा के द्वारा किया गया। इस चेक पोस्ट से दोनों देशों के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी और भारत के लिए लॉजिस्टिक लागत में महत्वपूर्ण कमी आने की उम्मीद है।

दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की आशा है, जिससे व्यापार, वाणिज्य और सेवा गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्घाटन समारोह में मंत्री बंदी संजय ने कहा कि यह चेक पोस्ट भारत-भूटान संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाने के साथ-साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों में नई विश्वसनीयता जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि भारत-भूटान संबंध आपसी सम्मान, सांस्कृतिक भाईचारे और गहरे विश्वास पर आधारित हैं। दोनों देशों की साझेदारी उनकी मित्रता, सहयोग और सामाजिक सामंजस्य का प्रमाण है। यह सहयोग जल संसाधन, बिजली उत्पादन, सूचना, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, कृषि, अंतरिक्ष अनुसंधान और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विस्तारित है। उन्होंने कहा कि यह चेक पोस्ट परिवहन और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देकर भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गृह मंत्रालय के अधीन भूमि पत्तन प्राधिकरण (एलपीएआई) ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सीमाओं पर आधुनिक बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया है, जिससे यात्रियों और व्यापारियों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और कुशल यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार, दर्रंगा इमिग्रेशन चेक पोस्ट से पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक सहयोग और सामाजिक संबंधों में नए अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो आवश्यक डिजिटल माध्यमों के उपयोग से संभव होगा।

गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के अधीन एलपीएआई ने सीमा व्यापार में परिवर्तनकारी बदलाव लाने और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उन्नत संसाधनों का उपयोग किया है। भूमि पत्तन प्रबंधन प्रणाली (एलपीएमएस) के माध्यम से, एलपीएआई ने भूमि पत्तन संचालन को डिजिटाइज किया है, जिसमें ऑनलाइन पार्किंग आरक्षण, स्वचालित भंडारण और सरलित अनुमति नियंत्रण शामिल हैं। इस पहल से न केवल संचालन क्षमता में सुधार होगा, बल्कि सामान और यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

भूमि पत्तनों का विस्तार केवल सड़क संपर्क तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का समर्थन करना है, जिसमें सड़कों के साथ रेलवे और अंतरराज्यीय जलमार्गों को जोड़ना शामिल है, जिससे पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक क्षमताओं को और भी बढ़ावा मिल सके। बंदी संजय ने बताया कि भूमि, रेल और जलमार्गों के एकीकरण के माध्यम से सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध प्रवाह का समर्थन करने के विजन के साथ, यह विकास लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आज का यह उद्घाटन 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के सरकारी लक्ष्य को मजबूत करता है।

HALIMA BEGUM

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