कह गए दुनिया ए फानी को अलविदा,देश के मशहूर शायर अहमर काशीपुरी
काशीपुर /उत्तराखंड (रिजवान अहसन ),,, मशहूर शायर इकबाल अदीब के वालिद और प्रख्यात शायर मुबारक हुसैन उर्फ अहमर काशीपुरी शनिवार को संसार को अलविदा कह गए। मौहल्ला अल्ली खां निवासी अहमर काशीपुरी शायरी के क्षेत्र में एक बड़ा नाम रहे है। देश विदेश में उनके सैकड़ों शागिर्द आज शायरी के क्षेत्र में नाम कमा रहे है, हिंदी उर्दू अरबी अंग्रेजी और फारसी भाषाओं पर अहमर काशीपुरी साहब की गहरी पकड़ रही , शहर की प्रसिद्ध नव चेतना सांस्कृतिक मंच को भी लगभग दो दशक तक अहमर साहब ने उर्दू अदब , मुशायरो और नशिस्तों के माध्यम से अपनी सेवाएं दी । अहमर काशीपुरी द्वारा लिखी गई ग़ज़ल “जिन पे नाजा थी वफा वो दोस्ताने क्या हुए “इतनी मशहूर हुई की कई गायक कलाकारों ने इस ग़ज़ल को अपनी आवाज दी। और यह गजल हिंदुस्तान भर में खासी मशहूर हुई । नौजवान शहरों के लिए तो अहमद काशीपुरी प्रेरणा स्रोत थे
वह लगभग 94 वर्ष के थे। उनके इंतकाल पर कला एवं साहित्य से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। अहमर काशीपुरी अपने पीछे पांच पुत्र और दो पुत्रियों समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके इंतकाल पर दु:ख व्यक्त करने वालों में शायर आसिम काशीपुरी, नवचेतना सांस्कृतिक मंच के विमल गुड़िया, अरुण चौहान, शफीक अहमद अंसारी, हरीश कुमार सिंह एडवोकेट, सरित चतुर्वेदी, संजय चतुर्वेदी, पकंज पंत, जितेंद्र सरस्वती, अशरफ सिद्दीकी, राशिद फारुखी, अफसर अली, फिरोज हुसैन, माजिद अली, रईस सिद्दीकी, अकरम बेग आदि शामिल रहे।
ईशा की नमाज के बाद उनकी नमाज ए जनाजा में भी उनके अंतिम दर्शन करने वालो की भारी भीड़ रही,जिन्होंने उनको नम आंखों से सुपुर्दे खाक किया