बिजली विभाग के एसडीओ देवेंद्र यादव पर एक और नया फर्जीबाडा करने का आरोप
बिजली विभाग के एसडीओ देवेंद्र यादव पर एक और नया फर्जीबाडा करने का आरोप
हापुड: आपको बता दें जहां एक तरफ पहले से ही बिजली विभाग में एसडीओ देवेंद्र यादव के खिलाफ कई जांच एमडी द्वारा चल रही हैं वहीं दूसरी ओर एसडीओ देवेंद्र यादव पर एक और फर्जीवाड़े का आरोप लगा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने विद्युत आपूर्ति संहिता की धज्जिया उड़ाते हुए 1.5 लाख रूपये रिश्वत लेकर एक कनेक्शन दे दिया उपरोक्त संबंध में एसडीओ देवेंद्र यादव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह कनेक्शन उनकी तैनाती से पहले का है हालांकि यह जांच का विषय है लेकिन अगर कनेक्शन तैनाती से पहले का भी है तो सवाल यह खड़ा होता है कि अगर कनेक्शन नियम अनुसार नहीं है तो उसको विधिवत रूप से सुचारु किया जाए ना कि अपनी तनाती से पहले का कनेक्शन बात कर पल्ला झाड़ लेना चाहिए यह कनेक्शन हापुड़ जिला मुख्यालय मे DM कंपाउंड (जिलाधिकारी निवास) के सामने एक HP पेट्रोल पंप को दिया है जिसमे उन्होंने NH-9 (राष्टीय राजमार्ग) को ओवरहेड क्रॉस करते हुए केबल को NHAI के खम्बो से बांधते हुए DM कंपाउंड के VIP फीडर से जोड़ कर ट्रांसफॉर्मर से 100 मीटर दूर दे दिया जबकि नियामनुसार या तो NHAI की अनुमति लेकर अंडर ग्राउंड लाइन बनाई जानी चाहिए थी या पेट्रोल पंप की साइड से ही 11KV की लाइन बनाकर कनेक्शन दिया जाना चाहिए था जिससे विद्युत् विभाग को भी लाखों रूपये का राजस्व मिलता और किसी प्रकार की विद्युत् दुर्घटना का भी खतरा ना रहता लेकिन एसडीओ देवेंद्र यादव ने पेट्रोल पंप मालिक से 1.5 लाख रूपये की रिश्वत खाकर नेशनल हाईवे को ओवरहेड क्रॉस करके NHAI के खंबों का गलत रूप से इस्तेमाल करके कनेक्शन देकर सभी लोगो की जान भी खतरे मे डाल दी क्योंकि इस हाईवे से रोज लाखों की संख्या मे वाहन गुजरते हैं और साथ ही इन्होंने ऐसा करके विद्युत विभाग को भी लाखों की चपत लगाई है| उपरोक्त एसडीओ पूरे विभाग के लिए सर दर्द बना हुआ है वहीं दूसरी ओर स्थानीय मीडिया की पोल खोल नीति में बार-बार एक ही अधिकारी के फर्जी कारनामे का खुलासा होना निश्चित ही गलत कार्य प्रणाली को दर्शाता है इनके अधिकारी भी इनसे पीछा छुड़ाना चाहते हैं क्योंकि इनके विभाग के आल्हा अधिकारियों की कार्य शैली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है कही इनके द्वारा कृत कारनामों एवं फर्जीवाड़ों में आल्हा अधिकारी भी तो शामिल नहीं ?
ज्ञात हो की RDSS का सामान बिल्डर को बेचकर कई कालोनी ऊर्जीक्रत करने की और PCC पोल पर हाई टेंशन लाइन बनाकर कनेक्शन दिये जाने की जाँच एमडी ऑफिस से पहले से ही चल रही है|
सुमत सिसोदिया
प्रदेश महासचिव आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर्स संगठन उत्तर प्रदेश