आईएमए के प्राइवेट डॉक्टर्स की मीटिंग का हुआ आयोजन
करनाल, 12 जून। सिविल सर्जन, करनाल डा0 कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में आईएमए के प्राइवेट डाक्टरस की मीटिंग का आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री का सपना भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 का लक्ष्य है। टी.बी. एक संक्रामक रोग है जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है मगर मुख्यतः यह फेफडों को प्रभावित करती है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने छींकने एवं थूकने से फैलती है। दो सप्ताह या इससे अधिक समय तक खाँसी, बलगम और बुखार, बलगम या थूक के साथ खून आना, छाती में दर्द की शिकायत, भूख कम लगना, वजन में लगातार गिरावट। अगर किसी भी व्यक्ति में उक्त लक्षण पाए जाएं तो उसे तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर बलगम की मुफ्त जाँच करवा लेनी चाहिए। एक टी॰बी॰ का मरीज अगर ईलाज नहीं कराता तो वह 15-20 लोगों को टी॰बी॰ कर सकता है ।
सिविल सर्जन ने प्राइवेट डाक्टरस को नोटिफिकेशन व यूडीएसटी बढाने के निर्देश दिये तथा डिफ्रैन्शियल टी॰बी॰ केयर के बारे में बताया। यह भी बताया कि टी0बी0 के मरीज को नोटिफाई न करना एक दण्डनीय अपराध है।
यह भी अवगत करवाया कि भारत सरकार द्वारा टी॰बी॰ की अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1800116666 जारी किया गया है जिस पर कोई भी व्यक्ति मिसकॉल करके टी॰बी॰ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
उप सिविल सर्जन (टी0बी0), डा0 सिम्मी कपूर द्वारा वर्ष 2023 के टारगैट व अचीवमैंटस के बारे में बताया गया। वर्ष 2023 में प्राइवेट डाक्टरस द्वारा टी॰बी॰ नोटिफिकेशन के टारगैट का केवल 84% ही अचीव किया गया जो कि एक चिंताजनक विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक मरीज की नोटिफिकेशन पर 500 रुपये एवं आउटकम पर 500 रुपये ऐज इन्सैन्टिव दिया जाता है। प्राइवेट हस्पताल से इलाज लेने वाले टी0बी0 के मरीजों को सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक माह टी0बी0 मरीज के खाते में 500 रुपये दिये जाते हैं।
उपरोक्त मीटिंग में आईएमए प्रैसिडैंट, 27 प्राइवेट डाक्टरस , मैडिसन एवं चैस्ट स्पैस्लिस्टद्ध डा॰प्रदीप, चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक अस्पताल तथा डीपीपीएम करनाल द्वारा भाग लिया गया एवं जिला करनाल को टी0बी0 मुक्त करवाने एवं प्रत्येक टी0बी0 मरीज को नोटिफाई करवाने का आश्वासन दिया।
इसके साथ ही उप सिविल सर्जन (टी0बी0) ने सभी को एचआईवी एड्स से संबंधित जानकारी दी। एचआईवी एड्स के फैलने के कारण, लक्षण व रोकथाम के बारे में बताया। साथ ही इस बीमारी को लेकर जो भ्रांतियां समाज में फैली हुई हैं उन्हें भी दूर किया। गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी व वीडीआरएल टैस्ट क्यों अति आवश्यक है इसकी जानकारी दी। उन्होने यह भी बताया कि यदि किसी को भी एचआईवी हो जाता है तो किन सावधानियों को बरतें व किस प्रकार अपना इलाज करवाएं। एचआईवी एड्स के टैस्ट पूरे हरियाणा में सभी आईसीटीसी केन्द्रों पर मुफत किये जाते हैं और एचआईवी से संक्रमित व्यक्तियों की सभी प्रकार की जांच व दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं तथा उनकी सारी जानकारी गुप्त रखी जाती है। इसके बारे में भी खुलकर बात की। नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए कौन सी दवाइयां देनी है। उसके बारे में भी बताया ताकि इस संक्रमण से बचा जा सके।