छोड़ो षड्यंत्र-प्रमाण की बात,असली मुद्दा ये है की-पत्रकार सोफे पर बैठ क्यों,मुस्कुराया.?” 😠
🛋️ “गांव में आया लाखों का नया सोफा-लेकिन पत्रकार उस पर बैठ क्यों मुस्कुराया..? फिर मचेगा नया बवाल!” 🛋️
ग्राम पंचायत सचिवालय में लाखों के नए चमचमाते सोफे की शान देख,
पत्रकार मुस्कुरा उठे — बोले:
🗨️ “वाह! लोकतंत्र की असली जान तो यही फर्नीचर है!”
लेकिन पत्रकार की इस मुस्कान से प्रधान जी को फिर मिर्ची लग गई,
भौंहें तनीं, माथे की नसें तनतना गई —
उन्होंने सचिव/नेता जी के कान में धीरे से फुसफुसाया:
🗨️ “अगर फिर से वायरल हो गया फ़ोटो,वीडियो,
तो फिर आएगा नोटिस चार !”
सचिव/नेता बोले:
🗨️ “ये कैमरा लाया होगा किसी गहरी साजिश षड्यंत्र का प्रमाण…”
प्रधान जी बोले:
🗨️ “छोड़ो षड्यंत्र-प्रमाण की बात, असली मुद्दा ये है की —
पत्रकार सोफे पर बैठ क्यों, मुस्कुराया….?” 😠
📞 फिर क्या — प्रधान जी गरजे:
“पुलिस बुलाओ, गुंडे लाओ,
कैमरे वाले को दौड़ाओ,
लोकतंत्र के सोफे से उसे हटाओ!”
और उधर जनता, हक्की-बक्की… 😶
🗨️ “क्या अब सोफे पर बैठना भी देशद्रोह हो गया ?”
✅ पंचायत की
टूटी सड़क चलेगी 🚧
सड़ी नाली चलेगी 💧
भूखी गाय चलेगी 🐄
पर हमारी कमाई पर सवाल पूछता पत्रकार नहीं चलेगा! 📸
🗞️ AIRA News Network
“ख़बर वही, जो हो सही — और तीखी भी!”