प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी करने को लेकर सख्त हुई निगमायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा, 100 बड़े डिफाल्टरों को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू करने के दिए निर्देश।
प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी करने को लेकर सख्त हुई निगमायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा, 100 बड़े डिफाल्टरों को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू करने के दिए निर्देश।
रिकवरी को लेकर मासिक व साप्ताहिक एक्शन प्लान करें तैयार, साप्ताहिक समीक्षा बैठक भी होगी।
करनाल 13 नवंबर, नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने सम्पत्ति कर शाखा की बैठक लेकर उनके प्रभारियों को बेहतर कारगुजारी के चलते नागरिकों और नगर निगम के संबंधों को सहज बनाने और सम्पत्ति कर की रिकवरी में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में उप निगम आयुक्त अशौक कुमार, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अंकुश पराशर, कर अधीक्षक गगनदीप सिंह व सुनील कुमार तथा लेखाकार महावीर मलिक के अतिरिक्त शाखा के कर्मचारी मौजूद रहे।
टैक्स रिकवरी को लेकर हुए सख्त- उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को सम्पत्ति कर की रिकवरी करने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 100 बड़े टैक्स डिफाल्टरों की सूची तैयार करें और एक्शन प्लान बनाकर कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्पत्ति मालिकों को 7 दिन का नोटिस जारी करें और 30 दिनों के अंदर पूरी प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाए। उन्होंने रिकवरी करने के लिए मासिक व साप्ताहिक लक्ष्य तय करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टैक्स रिकवरी को लेकर साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि बड़े-बड़े निजी संस्थान, जिनका सम्पत्ति कर बकाया चला आ रहा है, सभी को नोटिस जारी करो। इस पर क्षेत्रीय कराधान अधिकारी (जेड.टी.ओ.) ने बताया कि 50 लाख रुपये से ऊपर के 132 डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 5 से 50 लाख रुपये के बकाया करदाताओं की सूची भी तैयार कर ली गई है।
पोर्टल पर आई आपत्ति और उनके समाधान के बताए आंकड़े- बैठक में जेड.टी.ओ. ने निगमायुक्त को अवगत कराया कि एनडीसी पोर्टल पर अब तक 85 हजार 114 आपत्तियां डाली गई, जिनमें से 64 हजार 610 का समाधान कर दिया गया है। सम्पूर्ण दस्तावेज अपलोड न करने के कारण 1670 आपत्तियां रिवर्ट की गई हैं तथा 472 का समाधान करने की कार्रवाई की जा रही है। जबकि 18 हजार 362 आपत्तियों को रिजेक्ट किया गया है। सही दस्तावेजों के साथ दोबारा आपत्तियां डालने पर उनका भी समाधान किया जाएगा। दूसरी ओर नई प्रॉपर्टी आई.डी. बनाने की 154 आपत्तियों का समाधान किया जा रहा है। समाधान शिविर की जानकारी देते बताया कि अभी तक प्राप्त कुल 57 शिकायतों में से 56 का समाधान कर दिया गया है।
आर.टी.एस. से बाहर न जाए कोई आपत्ति- उन्होंने निर्देश दिए कि आर.टी.एस. यानि राईट टू सर्विस एक्ट का विशेष ध्यान रखा जाए। कोई भी आपत्ति इससे बाहर नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी आपत्तियों का समय से निस्तारण किया जाए, इसका ध्येय भी तभी पूरा होगा तथा निगम की छवि ओर निखरेगी। हर तरह की आपत्ति के लिए एस.ओ.पी. तैयार किया गया है, उसी के अनुसार ही कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि नागरिक द्वारा डाली गई आपत्ति को गलत तरीके से रिवर्ट न किया जाए। कई बार लोगों को प्रोसिजर का पता नहीं होता, यह बताना आपका काम है। कितना समय लगेगा इसकी भी सम्बंधित प्रार्थी को जानकारी दें, ताकि उसे अनावश्यक रूप से निगम के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि किस आपत्ति के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता है, उनकी सूची नगर निगम के सूचना पट्टï व नागरिक सुविधा केन्द्र में चस्पा की जाए।
स्व-प्रमाणित कार्य में निगम तीसरे नम्बर पर- निगमायुक्त ने बैठक के हवाले से बताया कि एक लाख 68 हजार 363 में से 57 हजार 104 प्रॉपर्टी आई.डी. स्व-प्रमाणित करने के साथ करनाल नगर निगम प्रदेश भर में तृतीय स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में ओर तेजी लाकर प्रथम स्थान पर आएं। उन्होंने निर्देश दिए कि एक सप्ताह में सभी सरकारी विभागों की प्रॉपर्टी आई.डी. स्व-प्रमाणित करवाई जाए।
लाल डोरा क्षेत्र की प्रॉपर्टी आई.डी. पोर्टल पर उपलब्ध- निगमायुक्त ने बताया कि नगर निगम सीमा में लाल डोरा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों की सम्पत्तियों की प्रॉपर्टी आई.डी. बना दी गई है। इसकी सूची एनडीसी पोर्टल व नगर निगम करनाल की वेबसाईट एमसी करनाल डॉट इन पर उपलब्ध है। सम्बंधित व्यक्ति इन्हे देखकर प्रॉपर्टी आई.डी. में दर्ज डाटा की जानकारी ले सकता हैं। अगर डाटा में त्रुटि है तो उसके लिए नगर निगम कार्यालय में आपत्ति दर्ज करवा सकता है। उन्होंने इसके लिए सम्बंधित क्षेत्रों में मुनादी करवाने के निर्देश दिए।
बैठक में निगमायुक्त ने शाखा के अधिकारियों व कर्मचारियों को अच्छा कार्य करने पर सराहना की और कहा कि आगे भी इसी तरह कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में आने वाली शिकायतों को मौके पर ही समाधान किया जाए।