सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जिन्हें ग्रहण के पश्चात भगवान को सम्पूर्ण स्नान के बाद खोले गए
आईरा न्यूज़ नेटवर्क बिजनौर से विकास अग्रवाल
नगीना । आंशिक सूर्य ग्रहण के करीब 13 घण्टे पूर्व सुबह 3 बजे ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए व भगवान की प्रतिमाओ को भी परदों से ढक दिया गया जिसे ग्रहण की समाप्ति के बाद सम्पूर्ण स्नान करा कर पूजा पाठ के बाद करीब रात्रि आठ बजे खोले गये।
बड़ा मंदिर श्रीमुक्तेश्वर नाथ के पुजारी डॉ. वपिन चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सूर्य ग्रहण प्रारंभ होने से लगभग 12 घंटे पूर्व सूतक लगने पर मंगलवार की सुबह करीब 3:00 बजे से सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए। नगर में सूर्य ग्रहण सायं 4.30 से 5.36 तक दिखा। सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियां ढकी रही, श्रद्धालु व पुजारियों ने यज्ञ, जाप व मंत्रों की सिद्धि की। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण के समय मंत्र सिद्ध करना अच्छा माना जाता है। सूर्य ग्रहण समाप्ति पर सभी मूर्तियों से पर्दा हटाया गया, भगवान को स्नान करा कर व मंदिर की संपूर्ण धुलाई के बाद रात 8 बजे बजे पूजा अर्चना का कार्य विधि विधान से शुरू हो गया। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए बच्चों में काफी उत्साह दिखा छोटे बच्चों ने एक्सरे सीट व अन्य माध्यमों से सूर्य ग्रहण को देखा। गर्भवती महिला व छोटे बच्चों ने सूर्य ग्रहण के चलते घर से निकलने में परहेज किया, महिलाओं ने पूजा-अर्चना का काम भी सूर्य ग्रहण समाप्ति के बाद किया।