677वीं बहमनी स्थापना दिवस सुल्तान अलाउद्दीन बहमन शाह की मजार पर मनाया गया।
677वीं बहमनी स्थापना दिवस सुल्तान अलाउद्दीन बहमन शाह की मजार पर मनाया गया।
यह स्थापना दिवस बहमनी फाउंडेशन किला गुलबर्गा द्वारा आयोजित किया गया था।
इमरान खान कलबुर्गी कर्नाटक की रिपोर्ट।
बहमनी स्थापना दिवस पर कलबुर्गी की कई नामचीन हस्तियां शामिल हुईं और सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अय्याजुद्दीन पटेल ने कहा कि यह बहमनी सल्तनत धर्मनिरपेक्ष सल्तनत थी।
इस बहमनी सल्तनत ने यहां 201 वर्षों तक शासन किया।
यह पहली इस्लामी सल्तनत थी।
इस बहमनी साम्राज्य का उस युग के ओटोमन साम्राज्य से सीधा संबंध था।
उन्होंने कहा कि अलाउद्दीन हसन बहमन शाह सूफी राजा थे और उन्होंने गुलबर्गा में 300 से अधिक सूफियों को आमंत्रित किया था।
वरिष्ठ पत्रकार अज़ीज़ उल्लाह सरमस्त ने मांग की है कि बहमनी के इतिहास के लिए बहमनी संग्रहालय बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहमनी साम्राज्य के समय 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब गुलबर्गा में 24 घंटे पानी की आपूर्ति नहीं है। इस्माइल सिक्का संग्रहकर्ता ने कहा है कि ये बहमनी राजा पाँच बार नमाज़ अदा करते थे और इन बहमनी राजाओं ने अपने लिए अपने स्थान नहीं बनवाए थे। उन्होंने केवल अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए काम किया था। रहमान पटेल ने कहा कि बहमनी साम्राज्य के पास दुनिया की सबसे बड़ी तोप है और दस साल पहले अय्याज़ुद्दीन पटेल, इस्माइल और उन्होंने इसकी खोज की थी, लेकिन आज तक यह दुनिया की रिकॉर्ड सूची में दर्ज नहीं है।