नई दिल्ली

“शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय गौरव रत्न अवार्ड 2025” में डॉ. रवींद्र मिश्रा को किया गया सम्मानित

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“शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय गौरव रत्न अवार्ड 2025” में डॉ. रवींद्र मिश्रा को किया गया सम्मानित

दिल्ली, 25 मार्च 2025 – उड़ान एक पहल फाउंडेशन और शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के संयुक्त तत्वावधान में “शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय गौरव रत्न अवार्ड 2025” का भव्य आयोजन शाह ऑडिटोरियम, सिविल लाइंस, दिल्ली में संपन्न हुआ। यह आयोजन स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद भगत सिंह के विचारों को जीवंत रखने और समाज के उन नायकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से किया गया, जिन्होंने राष्ट्र व समाज सेवा में अनुकरणीय योगदान दिया है।

इस भव्य आयोजन में डॉ. रवींद्र मिश्रा (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय प्रेस आयोग, मुख्य महासचिव, राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग, एवं निदेशक, International Organization of Educational Training University – IOETU) को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ. मिश्रा एक प्रख्यात समाजसेवी, वरिष्ठ पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने पत्रकारिता, महिला व बाल कल्याण, न्यायिक सहायता, एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनकी दूरदर्शी सोच और अथक परिश्रम ने समाज के अनेक वंचित वर्गों को न्याय दिलाने, सशक्त बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम में, उनकी सेवाओं को सम्मानित करते हुए “शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय गौरव रत्न अवार्ड 2025” प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें मुख्य अतिथि यदविंदर सिंह संधू (शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी के वंशज एवं शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के संस्थापक) द्वारा भेंट किया गया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने उनके कार्यों की सराहना की और उन्हें समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया।

कार्यक्रम में बना एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड

इस ऐतिहासिक आयोजन में एक अद्वितीय क्षण तब आया जब 1200 लोगों ने एक साथ “रंग दे बसंती चोला” गीत गाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस जोशीले और प्रेरणादायक प्रदर्शन ने पूरे कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना भर दी। यह पहल स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से की गई थी। कार्यक्रम के आयोजकों ने इस रिकॉर्ड को आधिकारिक रूप से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

इस भव्य आयोजन में अनेक प्रतिष्ठित अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुख्य अतिथि के रूप में यदविंदर सिंह संधू (शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी के वंशज एवं शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के संस्थापक) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि मुख्य वीआईपी अतिथि के रूप में हरमीत सिंह पिंका (सचखंड सेवा सोसाइटी) उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में डॉ. रवींद्र मिश्रा (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय प्रेस आयोग, मुख्य महासचिव, राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग, एवं निदेशक, International Organization of Educational Training University – IOETU) को आमंत्रित किया गया और उन्हें सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा, दीपक मित्तल (चेयरमैन, उड़ान एक पहल फाउंडेशन), गोल्डी रंधावा (प्रभारी, शहीद भगत सिंह ब्रिगेड) और नवीन गहलोत (सदस्य, शहीद भगत सिंह ब्रिगेड) ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी गणमान्य अतिथियों ने शहीद भगत सिंह जी के विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और समाज सेवा व राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान किया।

इस कार्यक्रम के दौरान International Organization of Educational Training University (IOETU) द्वारा ग्लोबल एजुकेशन मिशन की घोषणा की गई। इस पहल के तहत आधुनिक तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

IOETU के निदेशक, डॉ. रवींद्र मिश्रा ने कहा:
“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही समाज की प्रगति की कुंजी है। हमारा लक्ष्य है कि हर युवा को उन्नत तकनीकी शिक्षा मिले, जिससे वे न केवल अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें, बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान दे सकें। IOETU शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

IOETU विभिन्न राज्यों में अपने प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा, जहां छात्रों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, वेब डेवलपमेंट, एवं डेटा साइंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाना और डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना है।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों और पुरस्कार विजेताओं ने भगत सिंह की विचारधारा को आगे बढ़ाने, समाज सेवा को अपना दायित्व मानने और शिक्षा के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए हर संभव योगदान देने का संकल्प लिया।

यह आयोजन न केवल समाज के उत्कृष्ट व्यक्तियों को सम्मानित करने का मंच बना, बल्कि युवाओं को राष्ट्रहित, समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।

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