बीदर वन अधिकारियों ने फैयाजुद्दीन की जमीन को बिना नोटिस दिए ही नुकसान पहुंचाया है, जबकि मामला माननीय न्यायालय में है।
बीदर वन अधिकारियों ने फैयाजुद्दीन की जमीन को बिना नोटिस दिए ही नुकसान पहुंचाया है, जबकि मामला माननीय न्यायालय में है।
फैयाजुद्दीन ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि बीदर वन अधिकारियों ने उनकी जमीन को नुकसान पहुंचाया है।
इमरान खान कलबुर्गी कर्नाटक की रिपोर्ट।
श्री फैयाजुद्दीन ने मीडिया को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि वे बीदर जिले के मैलूर तालुका गांव में स्थित भूमि क्रमांक 66, जिसका क्षेत्रफल 36 एकड़ 08 गुंटा है, के मालिक और धारक हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी जमीन और पंजीकरण क्रमांक 366/399/58/12 दिनांक 13.12.159 को खरीदा है। उन्होंने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया है कि अब 1990 से भूमि पर जंगलात मामले की कॉलम संख्या 12 की प्रविष्टियां हैं। यह मामला फैयाजुद्दीन बनाम वन के बीच था, जिसे अतिरिक्त सिविल कोर्ट बीदर में ओएस नंबर 43/1995 के तहत स्वीकार किया गया था, और दिनांक 30-7-1996 का निर्णय उसके पक्ष में था।
एक अन्य मामला जिसे वन ने कर्नाटक के माननीय उच्च न्यायालय में आरएफए नंबर 293/1997 में अपील के लिए स्वीकार किया, उसे 8/62001 को याद दिलाया गया।
सिविल कोर्ट बीदर में। 31/8/2004 को एमडी फैयाजुद्दीन के पक्ष में निर्णय दिया गया और स्वामित्व की पुष्टि की गई।
2014 के निर्णय के बाद दिनांक 27.8.2014 को अतिरिक्त जिला सत्र में एमडी फैयाजुद्दीन के पक्ष में निर्णय दिया गया, जिसमें वन अपील को खारिज कर दिया गया।
और दूसरी बार 27.11.2014 को वन विभाग द्वारा अपील की गई।
आरएसए नंबर 200390/2014। अद्यतित मामला लंबित है।
दिनांक 18.7.2024 को वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी बिना किसी सरकारी आदेश के इस भूमि पर प्रवेश कर गए तथा 30×40 साइट शेड को नुकसान पहुंचाया तथा बोर मोटर, घास कटिंग, सीसी कैमरा आदि लगभग 4 से 5 लाख का नुकसान पहुंचाया। फैयाजुद्दीन ने अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की, उन्होंने बताया कि अभी तक पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।