उत्तर प्रदेश की राजनीति कहीं दोहराने तो नही जा रही है अटल आडवाणी और कल्याण सिंह वाला इतिहास ?
उत्तर प्रदेश की राजनीति कहीं दोहराने तो नही जा रही है अटल आडवाणी और कल्याण सिंह वाला इतिहास ?-राजीव शर्मा
दिल्ली-(राजीव शर्मा) अटल जी और आडवाणी जी कल्याण सिंह को छोटा करने के चक्कर में खुद सत्ता से बाहर हो गए थे , और राम के लिए सत्ता गंवाने का दावा करने वाले कल्याण सिंह खुद को सत्ता से बाहर होता देख खुद उसी मुलायम सिंह की गोद में जा बैठे थे जिसे राम भक्तो का हत्यारा बताया करते थे ।
आज अमित शाह और मोदी जी योगी जी को छोटा कर उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर करने के चक्कर में उत्तर प्रदेश में लगभग 40 सीटे गवां बैठे, मुझे आज भी वही पुराने हालात दिखाई पड़ते है, की मोदी और अमित शाह की जिद और अहंकार कहीं भाजपा को उत्तर प्रदेश से ही नही बल्कि देश से भी ना ले डूबे ।
अगर मोदी और अमित शाह ने योगी जी को जबरदस्ती कल्याण सिंह की तरह उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल करने का प्रयास किया तो जैसे कल्याण सिंह शीर्ष नेतृत्व को सबक सिखाने के लिए मुलायम सिंह के साथ जा मिले थे वैसे ही मोदी और अमित शाह को सबक सिखाने के लिए योगी जी अखिलेश से ना जा मिले, और मोदी अमित शाह अटल आडवाणी की तरह देखते के देखते ही रह जाए और बाद में दोनो पक्ष ही सत्ता से बाहर हो जाए ।
डबल इंजन की सरकार में 40 सीटे गवाने, डीएम और ईवीएम को एक दम दुरुस्त करवाने वाले योगी जी के कोड़ वर्ड का इशारा कुछ इसी और है की अगर हमे सत्ता से हटाने की सोचोगे तो आसानी से तो हम तुम्हे भी सत्ता में नही रहने देंगे ।
क्योंकि राजनीति में एक प्रथा बहुत मजबूती से चलती है की जब खुद को खाने के लिए ना मिले तो फिर बिखेर दो ।
राजीव शर्मा-मानवाधिकार पक्षकार व समाज सेवक