अगर कमल भाजपा का के.एम.पी. चिन्ह नहीं है तो इसे क्यों छिपाया जा रहा है?
अगर कमल भाजपा का के.एम.पी. चिन्ह नहीं है तो इसे क्यों छिपाया जा रहा है?
मेयर ने संदेह दूर कर दिया है कि के.एम.पी. चिन्ह में कमल ही क्यों है।
इमरान खान कलबुर्गी कर्नाटक की रिपोर्ट।
नए मेयर श्री येल्लापा नाइकोडी ने कलबुर्गी महानगर पालिका चिन्ह में कमल को शामिल करने के संदेह और भ्रम को दूर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि 1982 से कमल के.एम.पी. चिन्ह में शामिल है।
40 साल पहले कोई भी भाजपा के.एम.पी. में शामिल नहीं हुई।
भाजपा ने कमल का चिन्ह ले लिया है लेकिन जो कमल के.एम.पी. चिन्ह में है वह भाजपा पार्टी का नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह इस बात पर चर्चा करेंगे कि के.एम.पी. चिन्ह में केवल कमल को ही क्यों शामिल किया गया।
जब उनसे पूछा गया कि अगर कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह नहीं है तो केएमपी कार्यालय में जगह-जगह कमल क्यों छिपाया गया? तो उन्होंने सवाल के जवाब में कहा कि ऐसा अधिकारियों ने नहीं किया होगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा अधिकारियों ने किया होता तो उनके नए मेयर का लेटरहेड केएमपी चुनाव चिन्ह में कमल के साथ नहीं छपता। उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों को बुलाकर इस मामले की जानकारी लेंगे।